कार्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफरी के लिए आ रहे हैं तो मौसम देखकर निकलें, पढ़िए पूरी खबर…

कार्बेट नेशनल पार्क में सफारी के लिए आ रहे हैं तो मौसम को देखकर ही प्लान बनाएं। अत्यधिक वर्षा होने पर पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए कार्बेट प्रशासन अचानक सफारी बंद कर देता है। ऐसे में एडवांस बुकिंग की धनराशि भी वापस नहीं मिलेगी।
मानसून को देखते हुए कार्बेट नेशनल पार्क का ढिकाला, दुर्गादेवी पर्यटन जोन 15 जून व बिजरानी पर्यटन जोन 30 जून से पर्यटकों के लिए बंद हो चुका है। इसके अलावा कार्बेट पार्क में नाइट स्टे भी 15 जून से बंद है।

पर्यटकों की डे सफारी के लिए खुले ये जोन:- केवल ढेला, झिरना व गिरिजा पर्यटन जोन पर्यटकों की डे सफारी के लिए खुला हुआ है। लेकिन मानसून सीजन में पार्क आने वाले पर्यटकों के लिए विभागीय वेबसाइट में सफारी निरस्त होने पर बुकिंग का पैसा वापस नहीं होने की सूचना भी स्पष्ट रूप से दी गई है।
यानी मानसून अवधि में पर्यटकों को अपने रिस्क पर ही पार्क भ्रमण पर आना होगा। क्योंकि किसी भी समय वर्षा होने से कार्बेट के भीतर नदी-नाले उफान पर आ सकते हैं। ऐसे में पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए पार्क प्रशासन बिना पूर्व सूचना के सफारी निरस्त कर देता है। कार्बेट के ढेला जोन में सुबह व दोपहर की पाली में 15-15, बिजरानी व गिरिजा देवी पर्यटन जोन में सुबह व दोपहर की पाली में 30-30 जिप्सी सफारी पर निकलती हैं। एक जिप्सी में छह पर्यटक बैठ सकते हैं।

बुकिंग का देना होता है 3400 रुपये:- सफारी के लिए जिप्सी परमिट का अधिकतम छह लोगों के लिए 3400 रुपये, 900 रुपये गाइड शुल्क व जिप्सी का किराया 2500 से 2800 रुपये तक देना पड़ता है। जिप्सी व गाइड का शुल्क सफारी होने पर ही दिया जाता है। जबकि परमिट की राशि एडवांस आनलाइन ही विभाग में जमा हो जाता है। ऐसे में सफारी निरस्त होने पर छह पर्यटक के ग्रुप को 3400 रुपये का नुकसान होता है।