आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड में आपदा से क्षतिग्रस्त योजनाओं के पुनर्निर्माण में अब तेजी आएगी। इसके लिए कमिश्नर और डीएम के वित्तीय अधिकार बढ़ा दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार रात्रि हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई।
आपदा पुनर्निर्माण कार्यों के लिए कमिश्नर अब एक से पांच करोड़ रुपये तक के प्रस्तावों की वित्तीय स्वीकृति दे सकेंगे। पहले उनके पास 20 से 50 लाख रुपये तक के प्रस्ताव की स्वीकृति का अधिकार था। इसके अलावा डीएम भी एक करोड़ तक के कार्य स्वीकृत कर सकेंगे। पहले उनके पास 20 लाख तक के कार्यों को स्वीकृति देने का ही अधिकार था।
शासन के चक्कर काटने के झंझट से निजात:- सरकार की इस पहल से जिलों में आपदा से हुई क्षति के दृष्टिगत पुननिर्माण कार्यों के लिए शासन के चक्कर काटने के झंझट से निजात मिलेगी। कैबिनेट ने किसानों को मोटे अनाज के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पहली मिलेट नीति के अलावा कीवी नीति, ड्रेगनफू्रट योजना समेत अन्य कई प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। कैबिनेट की बैठक में 25 विषय रखे गए थे। देर रात कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि आपदा पुनर्निर्माण कार्यों के दृष्टिगत वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
उन्होंने कहा कि आपदा से क्षतिग्रस्त सार्वजनिक परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण के लिए कमिश्नर व डीएम के वित्तीय अधिकार की सीमा कम होने के कारण इसकी स्वीकृति कराने में समय लगने की संभावना रहती है। अब यह दिक्कत दूर हो गई है। साथ ही कार्य त्वरित गति से होंगे।
ये भी हुए निर्णय:- कक्षा एक से 12 तक के विद्यार्थियों को अब पाठय पुस्तकों के साथ कापियां भी मिलेंगी।
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