देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में 70 किमी की रफ्तार से चल सकती है आंधी…..

उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। मैदानी क्षेत्रों में बादल मंडरा रहे हैं, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं बौछार व ओलाव़ृष्टि का क्रम जारी है। कुमाऊं में कई स्थानों पर तेज बौछारें पड़ीं। वहीं, गढ़वाल में उत्तरकाशी जिले में कई क्षेत्रों में झमाझम वर्षा हुई।

पांच घंटे बाद खुला बदरीनाथ हाईवे:- बदरीनाथ हाईवे पांच घंटे बाद यातायात के लिए खुल गया है। शनिवार तड़के हुई बारिश से बदरीनाथ हाईवे रुद्रप्रयाग से 18 किलोमीटर आगे श्रीनगर की ओर सिरोबगड़ में पहाड़ी से मलबा आने के कारण अवरुद्ध हो गया था। सुबह 9.30 पर यातायात शुरू हो सका। इस बीच हाईवे के दोनों ओर हजारों वाहन फंसे रहे।

ओलावृष्टि और अंधड़ की आशंका:- मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, आज ज्यादातर क्षेत्रों में गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने, ओलावृष्टि होने के आसार हैं।
देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत एवं ऊधम सिंह नगर जनपदों में 60-70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़ चल सकता है। इसे लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में भी ओलावृष्टि और अंधड़ की आशंका है।

तापमान में भी हल्की गिरावट:- शुक्रवार को दून समेत आसपास के क्षेत्रों में सुबह से ही बादल मंडराते रहे। हालांकि, शहर में वर्षा नहीं हुई। वहीं, पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं रात्रि से ही बौछारों के दौर होते रहे। जिससे तापमान में भी हल्की गिरावट दर्ज की गई।
देर रात हल्‍द्वानी में तेज अंधड़ के साथ झमाझम बारिश हुई। जिससे मौसम सुहावना हो गया और गर्मी से राहत मिली। शनिवार को भी हल्‍द्वानी में बादल छाए रहे।
देहरादून में अधिकतम पारे में एक डिग्री की कमी रही, लेकिन न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। मौसम विभाग के अनुसार आज दून में आमतौर पर बादल छाने के साथ ही कहीं-कहीं बौछारों व ओलावृष्टि के आसार हैं। जबकि, ज्यादातर क्षेत्रों में आंधी-तूफान की चेतावनी जारी की गई है।

ओलावृष्टि ने फेर दिया किसानों व बागवानों की मेहनत पर पानी:- चकराता के क्षेत्रों में अचानक बदले मौसम से हुई ओलावृष्टि ने किसानों व बागवानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है।शुक्रवार शाम करीब पांच बजे जौनसार के कई इलाकों में ओलावृष्टि हुई। इससे क्षेत्र में फसलों को नुकसान पहुंचा है। साथ ही सेब, आडू, पुलम, खुमानी, नाशपाती के पेड़ों में लगे फल टूटकर नीचे गिर गए।

स्थानीय निवासी सुल्तान सिंह चौहान, नीरज नौटियाल, रतन सिंह चौहान, अजीत राणा, महिपाल सिंह राणा, यशपाल, गुलाब सिंह, सूरत सिंह चौहान, राजेंद्र चौहान आदि ने बताया कि ओलावृष्टि से क्षेत्र में मटर की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।
इसके साथ ही बागवानी की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है। चकराता ब्लाक प्रमुख निधि राणा ने राजस्व विभाग से फसल का आकलन कर प्रभावित किसानों व बागवानों को उचित मुआवजा देने को कहा है।