हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अगले माह कराने के दृष्टिगत पंचायतों में पदों व स्थानों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया बुधवार से प्रारंभ होगी। पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार की ओर से इसके लिए समय सारिणी से संबंधित शासनादेश जारी कर दिया गया है। समय सारिणी के अनुसार 18 जून को आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन कर 19 जून को इसे राज्य निर्वाचन आयोग को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके आधार पर आयोग चुनाव का कार्यक्रम घोषित करेगा। जैसे संकेत मिल रहे हैं, उससे साफ है कि 20 अथवा 21 जून को चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है। हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत उत्तर प्रदेश के साथ होते हैं। राज्य गठन के बाद से ही यह क्रम बना है। शेष जिलों में पिछले पंचायत चुनाव वर्ष 2019 में हुए थे। पांच साल का कार्यकाल पूरा होने पर भी चुनाव नहीं हो पाए तो गत वर्ष इनमें प्रशासक नियुक्त किए गए। छह माह के प्रशासक कार्यकाल में भी चुनाव की स्थिति नहीं बनी। नतीजतन दो सप्ताह तक पंचायतें नेतृत्व विहीन रहीं। यद्यपि, अब इनमें प्रशासनिक कार्यों के लिए अधिकारियों को अधिकृत किया गया है।
साथ ही पंचायत चुनाव जुलाई में कराने का निश्चय किया गया है। इसके लिए परिसीमन समेत अन्य औपचारिकताएं पहले हो चुकी थीं, लेकिन ओबीसी आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण के मद्देनजर आरक्षण का विषय लटका हुआ था। आरक्षण नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद अब आरक्षण को समय सारिणी जारी की गई है। जिलाधिकारियों को सारिणी के अनुरूप आरक्षण प्रस्ताव तैयार करने हैं। ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख और ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य पदों पर आरक्षण की प्रक्रिया बुधवार से शुरू होकर 18 जून तक चलेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर आरक्षण शासन तय करेगा, जबकि ग्राम प्रधान व ब्लाक प्रमुख पदों की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों की होगी।
आरक्षण को समय सारिणी:-
11 जून :- पंचायती राज निदेशालय जिलों को प्रधान पदों का ब्योरा उपलब्ध कराएगा।
13 जून :- आरक्षण प्रस्तावों का अनंतिम प्रकाशन।
14 व 15 जून :- आरक्षण प्रस्तावों पर प्राप्त की जाएंगी आपत्तियां।
16 व 17 जून :- आपत्तियों का निस्तारण करेंगे जिलाधिकारी।
18 जून :- आरक्षण प्रस्तावों का होगा अंतिम प्रकाशन।
19 जून :- पंचायती राज निदेशालय शासन व राज्य निर्वाचन आयोग को उपलब्ध कराएगा प्रस्ताव।