उत्तराखंड की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली चारधाम यात्रा इस बार मई के दूसरे सप्ताह से प्रारंभ होनी है। इसे लेकर मशीनरी तैयारियों में जुट गई है।
चारधाम यात्रा को सुरक्षित व निरापद बनाने के दृष्टिगत यात्रा से पहले सड़कों को सुरक्षित बनाने की चुनौती भी लोक निर्माण विभाग के सम्मुख रहेगी।
लगाए जाने हैं 3700 किमी लंबी सड़कों पर क्रैश बैरियर:- विभाग को दो वर्ष के भीतर प्रदेश में 3700 किमी लंबी सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाने हैं। इसके लिए इस वर्ष ऐसे स्थान चिह्नित किए गए हैं, जो दुर्घटना के लिहाज से संवेदनशील है। इसी के हिसाब से जिलों से मिले प्रस्तावों के आधार पर बजट आवंटित किया गया है।
प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। यह देखा गया है कि पर्वतीय मार्गों पर क्रैश बैरियर न होने के कारण वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका रहती है।
मार्गों के संकरा व घुमावदार होने के कारण कई बार चालक वाहन से नियंत्रण खो बैठते हैं। इसे देखते हुए राज्य सड़क सुरक्षा परिषद ने प्रदेश के ऐसे मार्गों को चिह्नित किया, जहां क्रैश बैरियर लगाने की जरूरत है। ये मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, सीमा सड़क संगठन और लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत हैं।
सर्वे में ये तथ्य आए सामने:- सर्वे में राज्य में कुल 7688.16 किमी लंबी सड़कों पर क्रैश बैरियर अथवा पैराफिट लगाने की आवश्यकता महसूस की गई। इसके सापेक्ष प्रदेश में अब तक 3666.77 किमी लंबी सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाए जा चुके हैं, जबकि 4021.39 किमी लंबी सड़क पर क्रैश बैरियर लगाए जाने शेष हैं। इनमें भी सबसे अधिक 3720.04 किमी हिस्सा लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता है।
लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के दृष्टिगत प्राथमिकता के आधार पर इन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे।
सचिव लोक निर्माण विभाग डा पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि प्रदेश में सड़कों को दुरुस्त करने के लिए 750 करोड़ के काम पूर्व में स्वीकृत किए जा चुके हैं। इसके बाद भी यदि कहीं जरूरत महसूस होगी तो चुनाव के बाद उन कार्यों को भी स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी।