उड़ान योजना के तहत राज्य में छह नये हेलीपैड बनाये जायेंगे…स्थानों का चयन हो चुका है, जानिये पूरी खबर।

पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण देवभूमि की वादियों तक हवाई यात्रा अब आसान और सुलभ होगी। पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से सरकार लगातार हेली सेवाओं का विस्तार कर रही है। इसी कड़ी में राज्य सरकार उड़ान योजना के तहत हेली सेवा शुरू करने के लिए छह नए हेलीपैड बनाने जा रही है। ये हेलीपैड बागेश्वर, लैंसडाउन, मुनस्यारी, चंपावत, पिथौरागढ़ और अगस्त्यमुनि में बनाए जाएंगे। इसके लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है।

उत्तराखंड में प्राकृतिक सुंदरता की कोई कमी नहीं:- उत्तराखंड में प्राकृतिक सुंदरता की कोई कमी नहीं है। कहीं ऊंचे पहाड़ तो कहीं मखमली वादियां पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। यहां सुदूर पहाड़ों के बीच बनी प्राकृतिक झीलें न सिर्फ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं बल्कि इनका पौराणिक महत्व भी है। इसके अलावा भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जो विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपनी जगह बना रहे हैं।

वर्तमान में यहां संचालित हो रही है हेली सेवाएं:- राज्य में उड़ान योजना के तहत देहरादून से चिन्यालीसौड़, देहरादून से गौचर, देहरादून से टिहरी, देहरादून से श्रीनगर, देहरादून से अल्मोडा तथा हलद्वानी से पिथौरागढ तक हेली सेवाएं संचालित की जा रही हैं। देहरादून से केदारनाथ एवं हेमकुंड साहिब से लेकर चमोली जिले के विभिन्न स्थानों तक हेली सेवाएं संचालित की जा रही हैं। इन्हें मिलाकर राज्य में 51 स्थानों पर हेलीपैड बनाये गये हैं।

भूमि चयन:- अब राज्य सरकार छह अन्य स्थानों पर हेलीपैड बनाकर यहां से हेली सेवाओं का संचालन शुरू करने की दिशा में कदम उठा रही है। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में नियमित हेली सेवाएं संचालित करना है। पहले त्रियुगीनारायण में हेलीपैड बनाने की योजना थी, लेकिन यहां जगह की कमी के कारण अब अगस्त्यमुनि में हेलीपैड बनाया जा रहा है। प्रदेश में हेली सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसी कड़ी में छह जगहों पर नए हेलीपैड बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जमीन चिह्नित कर ली गयी है।